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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


मत्तीअध्याय 11
  • 1 जब यीशु अपने बारह चेलों को आज्ञा दे चुका, तो वह उन के नगरों में उपदेश और प्रचार करने को वहां से चला गया॥
  • 2 यूहन्ना ने बन्दीगृह में मसीह के कामों का समाचार सुनकर अपने चेलों को उस से यह पूछने भेजा।
  • 3 कि क्या आनेवाला तू ही है: या हम दूसरे की बाट जोहें?
  • 4 यीशु ने उत्तर दिया, कि जो कुछ तुम सुनते हो और देखते हो, वह सब जाकर यूहन्ना से कह दो।
  • 5 कि अन्धे देखते हैं और लंगड़े चलते फिरते हैं; कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहिरे सुनते हैं, मुर्दे जिलाए जाते हैं; और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।
  • 6 और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए।
  • 7 जब वे वहां से चल दिए, तो यीशु यूहन्ना के विषय में लोगों से कहने लगा; तुम जंगल में क्या देखने गए थे? क्या हवा से हिलते हुए सरकण्डे को?
  • 8 फिर तुम क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? देखो, जो कोमल वस्त्र पहिनते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं।
  • 9 तो फिर क्यों गए थे? क्या किसी भविष्यद्वक्ता को देखने को? हां; मैं तुम से कहता हूं, वरन भविष्यद्वक्ता से भी बड़े को।
  • 10 यह वही है, जिस के विषय में लिखा है, कि देख; मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूं, जो तेरे आगे तेरा मार्ग तैयार करेगा।
  • 11 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उन में से यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से कोई बड़ा नहीं हुआ; पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा है वह उस से बड़ा है।
  • 12 यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य पर जोर होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं।
  • 13 यूहन्ना तक सारे भविष्यद्वक्ता और व्यवस्था भविष्यद्ववाणी करते रहे।
  • 14 और चाहो तो मानो, एलिय्याह जो आनेवाला था, वह यही है।
  • 15 जिस के सुनने के कान हों, वह सुन ले।
  • 16 मैं इस समय के लोगों की उपमा किस से दूं? वे उन बालकों के समान हैं, जो बाजारों में बैठे हुए एक दूसरे से पुकारकर कहते हैं।
  • 17 कि हम ने तुम्हारे लिये बांसली बजाई, और तुम न नाचे; हम ने विलाप किया, और तुम ने छाती नहीं पीटी।
  • 18 क्योंकि यूहन्ना न खाता आया और न पीता, और वे कहते हैं कि उस में दुष्टात्मा है।
  • 19 मनुष्य का पुत्र खाता-पीता आया, और वे कहते हैं कि देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, महसूल लेने वालों और पापियों का मित्र; पर ज्ञान अपने कामों में सच्चा ठहराया गया है।
  • 20 तब वह उन नगरों को उलाहना देने लगा, जिन में उस ने बहुतेरे सामर्थ के काम किए थे; क्योंकि उन्होंने अपना मन नहीं फिराया था।
  • 21 हाय, खुराजीन; हाय, बैतसैदा; जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब के मन फिरा लेते।
  • 22 परन्तु मैं तुम से कहता हूं; कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी।
  • 23 और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा; जो सामर्थ के काम तुझ में किए गए है, यदि सदोम में किए जाते, तो वह आज तक बना रहता।
  • 24 पर मैं तुम से कहता हूं, कि न्याय के दिन तेरी दशा से सदोम के देश की दशा अधिक सहने योग्य होगी।
  • 25 उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है।
  • 26 हां, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा।
  • 27 मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे।
  • 28 हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
  • 29 मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।
  • 30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है॥