wheel

AJC Publications and Media Portal

 

But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


1 राजा अध्याय 12
  • 1 रहूबियाम तो शकेम को गया, क्योंकि सब इस्राएली उसको राजा बनाने के लिये वहीं गए थे।
  • 2 और जब नबात के पुत्र यारोबाम ने यह सुना, ( जो अब तक मिस्र में रहता था, क्योंकि यारोबाम सुलैमान राजा के डर के मारे भगकर मिस्र में रहता था।
  • 3 सो उन लोगों ने उसको बुलवा भेजा ) तब यारोबाम और इस्राएल की समस्त सभा रहूबियाम के पास जा कर यों कहने लगी,
  • 4 कि तेरे पिता ने तो हम लोगों पर भारी जूआ डाल रखा था, तो अब तू अपने पिता की कठिन सेवा को, और उस भारी जूए को, जो उसने हम पर डाल रखा है, कुछ हलका कर; तब हम तेरे आधीन रहेंगे।
  • 5 उसने कहा, उभी तो जाओ, और तीन दिन के बाद मेरे पास फिर आना। तब वे चले गए।
  • 6 तब राजा रहूबियाम ने उन बूढ़ों से जो उसके पिता सुलैमान के जीवन भर उसके साम्हने उपस्थित रहा करते थे सम्मति ली, कि इस प्रजा को कैसा उत्तर देना उचित है, इस में तुम क्या सम्मति देते हो?
  • 7 उन्होंने उसको यह उत्तर दिया, कि यदि तू अभी प्रजा के लोगों का दास बनकर उनके आधीन हो और उन से मधुर बातें कहे, तो वे सदैव तेरे आधीन बने रहेंगे।
  • 8 रहूबियाम ने उस सम्मति को छोड़ दिया, जो बूढ़ों ने उसको दी थी,और उन जवानों से सम्मति ली, जो उसके संग बड़े हुए थे, और उसके सम्मुख उपस्थित रहा करते थे।
  • 9 उन से उसने पूछा, मैं प्रजा के लोगों को कैसा उत्तर दूं? उस में तुम क्या सम्मति देते हो? उन्हो ने तो मुझ से कहा है, कि जो जूआ तेरे पिता ने हम पर डाल रखा है, उसे तू हलका कर।
  • 10 जवानों ने जो उसके संग बड़े हुए थे उसको यह उत्तर दिया, कि उन लोगों ने तुझ से कहा है, कि तेरे पिता ने हमारा जूआ भारी किया था, परन्तु तू उसे हमारे लिऐ हलका कर; तू उन से यों कहना, कि मेरी छिंगुलिया मेरे पिता की कमर से भी मोटी है।
  • 11 मेरे पिता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था, उसे मैं और भी भारी करूंगा; मेरा पिता तो तुम को कोड़ों से ताड़ना देता था, परन्तु मैं बिच्छुओं से दूंगा।
  • 12 तीसरे दिन, जैसे राजा ने ठहराया था, कि तीसरे दिन मेरे पास फिर आना, वैसे ही यारोबाम और समस्त प्रजागण रहूबियाम के पास उपस्थित हुए।
  • 13 तब राजा ने प्रजा से कड़ी बातें कीं,
  • 14 और बूढ़ों की दी हुई सम्मति छोड़कर, जवानों की सम्मति के अनुसार उन से कहा, कि मेरे पिता ने तो तुम्हारा जूआ भारी कर दिया, परन्तु मैं उसे और भी भारी कर दूंगा: मेरे पिता ने तो कोड़ों से तुम को ताड़ना दी, परन्तु मैं तुम को बिच्छुओं से ताड़ना दूंगा।
  • 15 सो राजा ने प्रजा की बात नहीं मानी, इसका कारण यह है, कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये उसने ऐसा ही ठहराया था।
  • 16 जब सब इस्राएल ने देखा कि राजा हमारी नहीं सुनता, तब वे बोले, कि दाऊद के साथ हमारा क्या अंश? हमारा तो यिशै के पुत्र में कोई भाग नहीं! हे इस्राएल अपने अपने डेरे को चले जाओ: अब हे दाऊद, अपने ही घराने की चिन्ता कर।
  • 17 सो इस्राएल अपने अपने डेरे को चले गए। केवल जितने इस्राएली यहूदा के नगरों में बसे हुए थे उन पर रहूबियाम राज्य करता रहा।
  • 18 तब राजा रहूबियाम ने अदोराम को जो सब बेगारों पर अधिकारी था, भेज दिया, और सब इस्राएलियों ने उस को पत्थर्वाह किया, और वह मर गया: तब रहूबियाम फुतीं से अपने रथ पर चढ़ कर यरूशलेम को भाग गया।
  • 19 और इस्राएल दाऊद के घराने से फिर गया, और आज तक फिरा जुआ है।
  • 20 यह सुनकर कि यारोबाम लौट आया है, समस्त इस्राएल ने उसको मणडली में बुलवा भेज कर, पूर्ण इस्राएल के ऊपर राजा नियुक्त किया, और यहूदा के गोत्र को छोड़ कर दाऊद के घाराने से कोई मिला न रहा।
  • 21 जब रहूबियाम यरूशलेम को आया, तब उसने यहूदा के पूर्ण घराने को, और बिन्यामीन के गोत्र को, जो मिलकर एक लाख अस्सी हजार अच्छे योद्धा थे, इकट्ठा किया, कि वे इस्राएल के घराने के साथ लड़ कर सुलैमान के पुत्र रहूबियाम के वश में फिर राज्य कर दें।
  • 22 तब परमेश्वर का यह वचन परमेश्वर के जन शमायाह के पास पहुंचा कि यहूदा के राजा सुलैमान के पुत्र रहूबियाम से,
  • 23 और यहूदा और बिन्यामीन के सब घराने से, और सब लोगों से कह, यहोवा यों कहता है,
  • 24 कि अपने भाई इस्राएलियों पर चढ़ाई करके युद्ध न करो; तुम अपने अपने घर लौट जाओ, क्योंकि यह बात मेरी ही ओर से हुई है। यहोवा का यह वचन मान कर उन्होंने उसके अनुसार लौट जाने को अपना अपना मार्ग लिया।
  • 25 तब यारोबाम एप्रैम के पहाड़ी देश के शकेम नगर को दृढ़ करके उस में रहने लगा; फिर वहां से निकल कर पनूएल को भी दृढ़ किया।
  • 26 तब यारोबाम सोचने लगा, कि अब राज्य दाऊद के घराने का हो जाएगा।
  • 27 यदि प्रजा के लोग यरूशलेम में बलि करने को जाएं, तो उनका मन अपने स्वामी यहूदा के राजा रहूबियाम की ओर फिरेगा, और वे मुझे घात करके यहूदा के राजा रहूबियाम के हो जाएंगे।
  • 28 तो राजा ने सम्मति ले कर सोने के दो बछड़े बनाए और लोगों से कहा, यरूशलेम को जाना तुम्हारी शक्ति से बाहर है इसलिये हे इस्राएल अपने देवताओं को देखो, जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाए हैं।
  • 29 तो उसने एक बछड़े को बेतेल, और दूसरे को दान में स्थापित किया।
  • 30 और यह बात पाप का कारण हुई; क्योंकि लोग उस एक के साम्हने दण्डवत करने को दान तक जाने लगे।
  • 31 और उसने ऊंचे स्थानों के भवन बनाए, और सब प्रकार के लोगों में से जो लेवीवंशी न थे, याजक ठहराए।
  • 32 फिर यारोबाम ने आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन यहूदा के पर्व के समान एक पर्व ठहरा दिया, और वेदी पर बलि चढ़ाने लगा; इस रीति उसने बेतेल में अपने बनाए हुए बछड़ों के लिये वेदी पर, बलि किया, और अपने बनाए हुए ऊंचे स्थानों के याजकों को बेतेल में ठहरा दिया।
  • 33 और जिस महीने की उसने अपने मन में कल्पना की थी अर्थात आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन को वह बेतेल में अपनी बनाई हुई वेदी के पास चढ़ गया। उसने इस्राएलियों के लिये एक पर्व्व ठहरा दिया, और धूप जलाने को वेदी के पास चढ़ गया।