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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


2 इतिहासअध्याय 1
  • 1 दाऊद का पुत्र सुलैमान राज्य में स्थिर हो गया, और उसका परमेश्वर यहोवा उसके संग रहा और उसको बहुत ही बढ़ाया।
  • 2 और सुलैमान ने सारे इस्राएल से, अर्थात सहस्रपतियों, शतपतियों, न्यायियों और इस्राएल के सब रईसों से जो पितरों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरुष थे, बातें कीं।
  • 3 और सुलैमान पूरी मण्डली समेत गिबोन के ऊंचे स्थान पर गया, क्योंकि परमेश्वर का मिलापवाला तम्बू, जिसे यहोवा के दास मूसा ने जंगल में बनाया था, वह वहीं पर था।
  • 4 परन्तु परमेश्वर के सन्दूक को दाऊद किर्यत्यारीम से उस स्थान पर ले आया था जिसे उसने उसके लिये तैयार किया था, उसने तो उसके लिये यरूशलेम में एक तम्बू खड़ा कराया था।
  • 5 और पीतल की जो वेदी ऊरी के पुत्र बसलेल ने, जो हूर का पोता था, बनाईं थी, वह गिबोन में यहोवा के निवास के साम्हने थी। इसलिये सुलैमान मण्डली समेत उसके पास गया।
  • 6 और सुलैमान ने वहीं उस पीतल की वेदी के पास जा कर, जो यहोवा के साम्हने मिलापवाले तम्बू के पास थी, उस पर एक हजार होमबलि चड़ाए।
  • 7 उसी दिन रात को परमेश्वर ने सुलैमान को दर्शन देकर उस से कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग।
  • 8 सुलैमान ने परमेश्वर से कहा, तू मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा और मुझ को उसके स्थान पर राजा बनाया है।
  • 9 अब हे यहोवा परमेश्वर! जो वचन तू ने मेरे पिता दाऊद को दिया था, वह पूरा हो; तू ने तो मुझे ऐसी प्रजा का राजा बनाया है जो भूमि की धूलि के किनकों के समान बहुत है।
  • 10 अब मुझे ऐसी बुद्धि और ज्ञान दे, कि मैं इस प्रजा के साम्हने अन्दर- बाहर आना-जाना कर सकूं, क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?
  • 11 परमेश्वर ने सुलैमान से कहा, तेरी जो ऐसी ही मनसा हुई, अर्थात तू ने न तो धन सम्पत्ति मांगी है, न ऐश्वर्य और न अपने बैरियों का प्राण और न अपनी दीर्घायु मांगी, केवल बुद्धि और ज्ञान का वर मांगा है, जिस से तू मेरी प्रजा का जिसके ऊपर मैं ने तुझे राजा नियुक्त किया है, न्याय कर सके,
  • 12 इस कारण बुद्धि और ज्ञान तुझे दिया जाता है। और मैं तुझे इतना धन सम्पत्ति और ऐश्वर्य दूंगा, जितना न तो तुझ से पहिले किसी राजा को, मिला और न तेरे बाद किसी राजा को मिलेगा।
  • 13 तब सुलैमान गिबोन के ऊंचे स्थान से, अर्थात मिलापवाले तम्बू के साम्हने से यरूशलेम को आया और वहां इस्राएल पर राज्य करने लगा।
  • 14 फिर सुलैमान ने रथ और सवार इकट्ठे कर लिये; और उसके चौदह सौ रथ और बारह हजार सवार थे, और उन को उसने रथों के नगरों में, और यरूशलेम में राजा के पास ठहरा रखा।
  • 15 और राजा ने ऐसा किया, कि यरूशलेम में सोने-चान्दी का मूल्य बहुतायत के कारण पत्थरों का सा, और देवदारों का मूल्य नीचे के देश के गूलरों का सा बना दिया।
  • 16 और जो घोड़े सुलैमान रखता था, वे मिस्र से आते थे, और राजा के व्यापारी उन्हें झुणड के झुणड ठहराए हुए दाम पर लिया करते थे।
  • 17 एक रथ तो छ: सौ शेकेल चान्दी पर, और एक घोड़ा डेढ़ सौ शेकेल पर मिस्र से आता था; और इसी दाम पर वे हित्तियों के सब राजाओं और अराम के राजाओं के लिये उन्हीं के द्वारा लाया करते थे।