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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


2 इतिहासअध्याय 5
  • 1 इस प्रकार सुलैमान ने यहोवा के भवन के लिये जो जो काम बनवाया वह सब निपट गया। तब सुलैमान ने अपने पिता दाऊद के पवित्र किए हुए सोने, चान्दी और सब पात्रों को भीतर पहुंचा कर परमेश्वर के भवन के भण्डारों में रखवा दिया।
  • 2 तब सुलैमान ने इस्राएल के पुरनियों को और गोत्रों के सब मुखय पुरुष, जो इस्राएलियों के पितरों के घरानों के प्रधान थे, उन को भी यरूशलेम में इस मनसा से इकट्ठा किया, कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर से अर्थात सिय्योन से ऊपर लिवा ले आएं।
  • 3 सब इस्राएली पुरुष सातवें महीने के पर्व के समय राजा के पास इकट्ठे हुए।
  • 4 जब इस्राएल के सब पुरनिये आए, तब लेवियों ने सन्दूक को उठा लिया।
  • 5 और लेवीय याजक सन्दूक और मिलाप का तम्बू और जितने पवित्र पात्र उस तम्बू में थे उन सभों को ऊपर ले गए।
  • 6 और राजा सुलैमान और सब इस्राएली मण्डली के लोग जो उसके पास इकट्ठे हुए थे, उन्होंने सन्दूक के साम्हने इतनी भेड़ और बैल बलि किए, जिनकी गिनती और हिसाब बहुतायत के कारण न हो सकती थी।
  • 7 तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सनदूक उसके स्थान में, अर्थात भवन की भीतरी कोठरी में जो परमपवित्र स्थान है, पहुंचा कर, करूबों के पंखों के तले रख दिया।
  • 8 सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब तो पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डणडों को ढांपे थे।
  • 9 डणडे तो इतने लम्बे थे, कि उनके सिरे सन्दूक से निकले हुए भीतरी कोठरी के साम्हने देख पड़ते थे, परन्तु बाहर से वे दिखाई न पड़ते थे। वे आज के दिन तक वहीं हैं।
  • 10 सन्दूक में पत्थर की उन दो पटियाओं को छोड़ कुछ न था, जिन्हें मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने के बाद उनके साथ वाचा बान्धी थी।
  • 11 जब याजक पवित्रस्थान से निकले ( जितने याजक उपस्थित थे, उन सभों ने तो अपने अपने को पवित्र किया था, और अलग अलग दलों में हो कर सेवा न करते थे;
  • 12 और जितने लेवीय गवैये थे, वे सब के सब अर्थात पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहिने झांझ, सारंगियां और वीणाएं लिये हुए, वेदी के पूर्व अलंग में खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)
  • 13 तो जब तुरहियां बजाने वाले और गाने वाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झांझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन मे बादल छा गया,
  • 14 और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया था।