wheel

AJC Publications and Media Portal

 

But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


2 इतिहासअध्याय 9
  • 1 जब शीबा की रानी ने सुलैमान की कीर्ति सुनी, तब वह कठिन कठिन प्रश्नों से उसकी परीक्षा करने के लिये यरूशलेम को चली। वह बहुत भारी दल और मसालों और बहुत सोने और मणि से लदे ऊंट साथ लिये हुए आई, और सुलैमान के पास पहुंच कर उस से अपने मन की सब बातों के विषय बातें कीं।
  • 2 सुलैमान ने उसके सब प्रश्नों का उत्तर दिया, कोई बात सुलैमान की बुद्धि से ऐसी बाहर न रही कि वह उसे न बता सके।
  • 3 जब शीबा की रानी ने सुलैमान की बुद्धिमानी और उसका बनाया हुआ भवन
  • 4 और उसकी मेज पर का भोजन देखा, और उसके कर्मचारी किस रीति बैठते और उसके ठहलुए किस रीति खड़े रहते और कैसे कैसे कपड़े पहिने रहते हैं, और उसके पिलाने वाले कैसे हैं, और वे कैसे कपड़े पहिने हैं, और वह कैसी चढ़ाई है जिस से वह यहोवा के भवन को जाया करता है, जब उसने यह सब देखा, तब वह चकित हो गई।
  • 5 तब उसने राजा से कहा, मैं ने तेरे कामों और बुद्धिमानी की जो कीर्ति अपने देश में सुनी वह सच ही है।
  • 6 परन्तु जब तक मैं ने आप ही आ कर अपनी आंखों से यह न देखा, तब तक मैं ने उनकी प्रतीति न की; परन्तु तेरी बुद्धि की आधी बड़ाई भी मुझे न बताई गई थी; तू उस कीर्ति से बढ़ कर है जो मैं ने सुनी थी।
  • 7 धन्य हैं तेरे जन, धन्य हैं तेरे ये सेवक, जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुद्धि की बातें सुनते हैं।
  • 8 धन्य है तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तुझ से ऐसा प्रसन्न हुआ, कि तुझे अपनी राजगद्दी पर इसलिये विराजमान किया कि तू अपने परमेश्वर यहोवा की ओर से राज्य करे; तेरा परमेश्वर जो इस्राएल से प्रेम कर के उन्हें सदा के लिये स्थिर करना चाहता था, उसी कारण उसने तुझे न्याय और धर्म करने को उनका राजा बना दिया।
  • 9 और उसने राजा को एक सौ बीस किक्कार सोना, बहुत सा सुगन्ध द्रय्य, और मणि दिए; जैसे सुगन्धद्रव्य शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को दिए, वैसे देखने में नहीं आए।
  • 10 फिर हूराम और सुलैमान दोनों के जहाजी जो ओपीर से सोना लाते थे, वे चन्दन की लकड़ी और मणि भी लाते थे।
  • 11 और राजा ने चन्दन की लकड़ी से यहोवा के भवन और राजभवन के लिये चबूतरे और गवैयों के लिये वीणाएं और सारंगियां बनवाई; ऐसी वस्तुएं उस से पहिले यहूदा देश में न देख पड़ी थीं
  • 12 और शीबा की रानी ने जो कुछ चाहा वही राजा सुलैमान ने उसको उसकी इच्छा के अनुसार दिया; यह उस से अधिक था, जो वह राजा के पास ले आई थी। तब वह अपने जनों समेत अपने देश को लौट गई।
  • 13 जो सोना प्रति वर्ष सुलैमान के पास पहुंचा करता था, उसका तौल छ: सौ छियासठ किक्कार था।
  • 14 यह उस से अधिक था जो सौदागर और व्यापारी लाते थे; और अरब देश के सब राजा और देश के अधिपति भी सुलैमान के पास सोना चान्दी लाते थे।
  • 15 और राजा सुलैमान ने सोना गढ़ाकर दो सौ बड़ी बड़ी ढालें बनवाई; एक एक ढाल में छ:छ:सौ शेकेल गढ़ा हुआ सोना लगा।
  • 16 फिर उसने सोना गढ़ाकर तीन सौ छोटी ढालें और भी बनवाई; एक एक छोटी ढाल मे तीन सौ शेकेल सोना लगा, और राजा ने उन को लबानोनी बन नामक भवन में रखा दिया।
  • 17 और राजा ने हाथीदांत का एक बड़ा सिंहासन बनाया और चोखे सोने से मढ़ाया।
  • 18 उस सिंहासन में छ: सीढियां और सोने का एक पावदान था; ये सब सिंहासन से जुड़े थे, और बैठने के स्थान की दोनों अलंग टेक लगी थी और दोनों टेकों के पास एक एक सिंह खड़ा हुआ बना था।
  • 19 और छहों सीढिय़ों की दोनों अलंग में एक एक सिंह खड़ा हुआ बना था, वे सब बारह हुए। किसी राज्य में ऐसा कभी न बना।
  • 20 और रजा सुलैमान के पीने के सब पात्र सोने के थे, और लबानोनी बन नामक भवन के सब पात्र भी चोखे सोने के थे; सुलैमान के दिनों में चान्दी का कुछ हिसाब न था।
  • 21 क्योंकि हूराम के जहाजियों के संग राजा के तशींश को जाने वाले जहाज थे, और तीन तीन वर्ष के बाद वे तशींश के जहाज सोना, चान्दी, हाथीदांत, बन्दर और मोर ले आते थे।
  • 22 यों राजा सुलैमान धन और बुद्धि में पृथ्वी के सब राजाओं से बढ़ कर हो गया।
  • 23 और पृथ्वी के सब राजा सुलैमान की उस बुद्धि की बातें सुनने को जो परमेश्वर ने उसके मन में उपजाई थीं उसका दर्शन करना चाहते थे।
  • 24 और वे प्रति वर्ष अपनी अपनी भेंट अर्थात चान्दी और सोने के पात्र, वस्त्र-शस्त्र, सुगन्धद्रव्य, घोड़े और खच्चर ले आते थे।
  • 25 और अपने घोड़ों और रथों के लिये सुलैमान के चार हजार थान और बारह हजार सवार भी थे, जिन को उसने रथों के नगरों में और यरूशलेम में राजा के पास ठहरा रखा।
  • 26 और वह महानद से ले पलिश्तियों के देश और मिस्र के सिवाने तक के सब राजाओं पर प्रभुता करता था।
  • 27 और राजा ने ऐसा किया, कि बहुतायत के कारण यरूशलेम में चान्दी का मूल्य पत्थरों का और देवदार का मूल्य नीचे के देश के गूलरों का सा हो गया।
  • 28 और लोग मिस्र से और और सब देशों से सुलैमान के लिये घोड़े लाते थे।
  • 29 आदि से अन्त तक सुलैमान के और सब काम क्या नातान नबी की पुस्तक में, और शीलोवासी अहिय्याह की नबूवत की पुस्तक में, और नबात के पुत्र यारोबाम के विषय इद्दो दशीं के दर्शन की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
  • 30 सुलैमान ने यरूशलेम में सारे इस्राएल पर चालीस वर्ष तक राज्य किया।
  • 31 और सुलैमान अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसको उसके पिता दाऊद के नगर में मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र रहूबियाम उसके स्थान पर राजा हुआ।