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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


2 राजाअध्याय 11
  • 1 जब अहज्याह की माता अतल्याह ने देखा, कि मेरा पुत्र मर गया, तब उसने पूरे राजवंश को नाश कर डाला।
  • 2 परन्तु यहोशेबा जो राजा योराम की बेटी, और अहज्याह की बहिन थी, उसने अहज्याह के पुत्र योआश को घात होने वाले राजकुमारों के बीच में से चुराकर धाई समेत बिछौने रखने की कोठरी में छिपा दिया। और उन्होंने उसे अतल्याह से ऐसा छिपा रखा, कि वह मारा न गया।
  • 3 और वह उसके पास यहोवा के भवन में छ:वर्ष छिपा रहा, और अतल्याह देश पर राज्य करती रही।
  • 4 सातवें वर्ष में यहोयादा ने जल्लादों और पहरुओं के शतपतियों को बुला भेजा, और उन को यहोवा के भवन में अपने पास ले आया; और उन से वाचा बान्धी और यहोवा के भवन में उन को शपथ खिला कर, उन को राजपुत्र दिखाया।
  • 5 और उसने उन्हें आज्ञा दी, कि एक काम करो: अर्थात तुम में से एक तिहाई लोग जो विश्रामदिन को आने वाले हों, वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें।
  • 6 और एक तिहाई लोग सूर नाम फाटक में ठहरे रहें, और एक तिहाई लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें; यों तुम भवन की चौकसी कर के लोगों को रोके रहना।
  • 7 और तुम्हारे दो दल अर्थात जितने विश्राम दिन को बाहर जाने वाले हों वह राजा के आसपास हो कर यहोवा के भवन की चौकसी करें।
  • 8 और तुम अपने अपने हाथ में हथियार लिये हुए राजा के चारों ओर रहना, और जो कोई पांतियों के भीतर घुसना चाहे वह मार डाला जाए, और तुम राजा के आते-जाते समय उसके संग रहना।
  • 9 यहोयादा याजक की इन सब आज्ञाओं के अनुसार शतपतियों ने किया। वे विश्रामदिन को आने वाले और जाने वाले दोनों दलों के अपने अपने जनों को संग ले कर यहोयादा याजक के पास गए।
  • 10 तब याजक ने शतपतियों को राजा दाऊद के बर्छे, और ढालें जो यहोवा के भवन में थीं दे दीं।
  • 11 इसलिये वे पहरुए अपने अपने हाथ में हथियार लिए हुए भवन के दक्खिनी कोने से ले कर उत्तरी कोने तक वेदी और भवन के पास राजा के चारों ओर उसकी आड़ कर के खड़े हुए।
  • 12 तब उसने राजकुमार को बाहर ला कर उसके सिर पर मुकुट, और साक्षीपत्र धर दिया; तब लोगों ने उसका अभिषेक कर के उसको राजा बनाया; फिर ताली बजा बजा कर बोल उठे, राजा जीवित रहे।
  • 13 जब अतल्याह को पहरुओं और लोगों का हलचल सुन पड़ा, तब वह उनके पास यहोवा के भवन में गई।
  • 14 और उसने क्या देखा कि राजा रीति के अनुसार खम्भे के पास खड़ा है, और राजा के पास प्रधान और तुरही बजाने वाले खड़े हैं। और लोग आनन्द करते और तुरहियां बजा रहे हैं। तब अतल्याह अपने वस्त्र फाड़कर राजद्रोह राजद्रोह यों पुकारने लगी।
  • 15 तब यहोयादा याजक ने दल के अधिकारी शतपतियों को आज्ञा दी कि उसे अपनी पांतियों के बीच से निकाल ले जाओ; और जो कोई उसके पीछे चले उसे तलवार से मार डालो। क्योंकि याजक ने कहा, कि वह यहोवा के भवन में न मार डाली जाए।
  • 16 इसलिये उन्होंने दोनों ओर से उसको जगह दी, और वह उस मार्ग के बीच से चली गई, जिस से घोड़े राजभवन में जाया करते थे; और वहां वह मार डाली गई।
  • 17 तब यहोयादा ने यहोवा के, और राजा-प्रजा के बीच यहोवा की प्रजा होने की वाचा बन्धाई, और उसने राजा और प्रजा के मध्य भी वाचा बन्धाई।
  • 18 तब सब लोगों ने बाल के भवन को जा कर ढा दिया, और उसकी वेदियां और मूरतें भली भंति तोड़ दीं; और मतान नाम बाल के याजक को वेदियों के साम्हने ही घात किया। और याजक ने यहोवा के भवन पर अधिकारी ठहरा दिए।
  • 19 तब वह शतपतियों, जल्लादों और पहरुओं और सब लोगों को साथ ले कर राजा को यहोवा के भवन से नीचे ले गया, और पहरुओं के फाटक के मार्ग से राजभवन को पहुंचा दिया। और राजा राजगद्दी पर विराजमान हुआ।
  • 20 तब सब लोग आनन्दित हुए, और नगर में शान्ति हुई। अतल्याह तो राजभवन के पास तलवार से मार डाली गई थी।
  • 21 जब योआश राजा हुआ, उस समय वह सात पर्ष का था।