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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


एस्तेरअध्याय 4
  • 1 जब मोर्दकै ने जान लिया कि क्या क्या किया गया है तब मोर्दकै वस्त्र फाड़, टाट पहिन, राख डालकर, नगर के मध्य जा कर ऊंचे और दुखभरे शब्द से चिल्लाने लगा;
  • 2 और वह राजभवन के फाटक के साम्हने पहुंचा, परन्तु टाट पहिने हुए राजभवन के फाटक के भीतर तो किसी के जाने की आज्ञा न थी।
  • 3 और एक एक प्रान्त में, जहां जहां राजा की आज्ञा और नियम पहुंचा, वहां वहां यहूदी बड़ा विलाप करने और उपवास करने और रोने पीटने लगे; वरन बहुतेरे टाट पहिने और राख डाले हुए पड़े रहे।
  • 4 और एस्तेर रानी की सहेलियों और खोजों ने जा कर उसको बता दिया, तब रानी शोक से भर गई; और मोर्दकै के पास वस्त्र भेज कर यह कहलाया कि टाट उतारकर इन्हें पहिन ले, परन्तु उसने उन्हें न लिया।
  • 5 तब एस्तेर ने राजा के खोजों में से हताक को जिसे राजा ने उसके पास रहने को ठहराया था, बुलवा कर आज्ञा दी, कि मोर्दकै के पास जा कर मालूम कर ले, कि क्या बात है और इसका क्या कारण है।
  • 6 तब हताक नगर के उस चौक में, जो राजभवन के फाटक के साम्हने था, मोर्दकै के पास निकल गया।
  • 7 मोर्दकै ने उसको सब कुछ बता दिया कि मेरे ऊपर क्या क्या बीता है, और हामान ने यहूदियों के नाश करने की अनुमति पाने के लिये राजभणडार में कितनी चान्दी भर देने का वचन दिया है, यह भी ठीक ठीक बतला दिया।
  • 8 फिर यहूदियों को विनाश करने की जो आज्ञा शूशन में दी गई थी, उसकी एक नकल भी उसने हताक के हाथ में, एस्तेर को दिखाने के लिये दी, और उसे सब हाल बताने, और यह आज्ञा देने को कहा, कि भीतर राजा के पास जा कर अपने लोगों के लिये गिड़गिड़ाकर बिनती करे।
  • 9 तब हताक ने एस्तेर के पास जा कर मोर्दकै की बातें कह सुनाईं।
  • 10 तब एस्तेर ने हताक को मोर्दकै से यह कहने की आज्ञा दी,
  • 11 कि राजा के सब कर्मचारियों, वरन राजा के प्रान्तों के सब लोगों को भी मालूम है, कि क्या पुरुष क्या स्त्री कोई क्यों न हो, जो आज्ञा बिना पाए भीतरी आंगन में राजा के पास जाएगा उसके मार डालने ही की आज्ञा है; केवल जिसकी ओर राजा सोने का राजदण्ड बढ़ाए वही बचता है। परन्तु मैं अब तीस दिन से राजा के पास नहीं बुलाई गई हूँ।
  • 12 एस्तेर की ये बातें मोर्दकै को सुनाईं गई।
  • 13 तब मोर्दकै ने एस्तेर के पास यह कहला भेजा, कि तू मन ही मन यह विचार न कर, कि मैं ही राजभवन में रहने के कारण और सब यहूदियों में से बची रहूंगी।
  • 14 क्योंकि जो तू इस समय चुपचाप रहे, तो और किसी न किसी उपाय से यहूदियों का छुटकारा और उद्धार हो जाएगा, परन्तु तू अपने पिता के घराने समेत नाश होगी। फिर क्या जाने तुझे ऐसे ही कठिन समय के लिये राजपद मिल गया हो?
  • 15 तब एस्तेर ने मोर्दकै के पास यह कहला भेजा,
  • 16 कि तू जा कर शूशन के सब यहूदियों को इकट्ठा कर, और तुम सब मिलकर मेरे निमित्त उपवास करो, तीन दिन रात न तो कुछ खाओ, और न कुछ पीओ। और मैं भी अपनी सहेलियों सहित उसी रीति उपवास करूंगी। और ऐसी ही दशा में मैं नियम के विरुद्ध राजा के पास भीतर जाऊंगी; और यदि नाश हो गई तो हो गई।
  • 17 तब मोर्दकै चला गया और एस्तेर की आज्ञा के अनुसार ही उसने किया।