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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


निर्गमनअध्याय 27
  • 1 फिर वेदी को बबूल की लकड़ी की, पांच हाथ लम्बी और पांच हाथ चौड़ी बनवाना; वेदी चौकोर हो, और उसकी ऊंचाई तीन हाथ की हो।
  • 2 और उसके चारों कोनों पर चार सींग बनवाना; वे उस समेत एक ही टुकड़े के हों, और उसे पीतल से मढ़वाना।
  • 3 और उसकी राख उठाने के पात्र, और फावडिय़ां, और कटोरे, और कांटे, और अंगीठियां बनवाना; उसका कुल सामान पीतल का बनवाना।
  • 4 और उसके पीतल की जाली एक झंझरी बनवाना; और उसके चारों सिरों में पीतल के चार कड़े लगवाना।
  • 5 और उस झंझरी को वेदी के चारों ओर की कंगनी के नीचे ऐसे लगवाना, कि वह वेदी की ऊंचाई के मध्य तक पहुंचे।
  • 6 और वेदी के लिये बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हें पीतल से मढ़वाना।
  • 7 और डंडे कड़ों में डाले जाएं, कि जब जब वेदी उठाई जाए तब वे उसकी दोनों अलंगों पर रहें।
  • 8 वेदी को तख्तों से खोखली बनवाना; जैसी वह इस पर्वत पर तुझे दिखाई गई है वैसी ही बनाईं जाए॥
  • 9 फिर निवास के आंगन को बनवाना। उसकी दक्खिन अलंग के लिये तो बटी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े के सब पर्दों को मिलाए कि उसकी लम्बाई सौ हाथ की हो; एक अलंग पर तो इतना ही हो।
  • 10 और उनके बीस खम्भे बनें, और इनके लिये पीतल की बीस कुसिर्यां बनें, और खम्भों के कुन्डे और उनकी पट्टियां चांदी की हों।
  • 11 और उसी भांति आंगन की उत्तर अलंग की लम्बाई में भी सौ हाथ लम्बे पर्दे हों, और उनके भी बीस खम्भे और इनके लिये भी पीतल के बीस खाने हों; और उन खम्भों के कुन्डे और पट्टियां चांदी की हों।
  • 12 फिर आंगन की चौड़ाई में पच्छिम की ओर पचास हाथ के पर्दे हों, उनके खम्भे दस और खाने भी दस हों।
  • 13 और पूरब अलंग पर आंगन की चौड़ाई पचास हाथ की हो।
  • 14 और आंगन के द्वार की एक ओर पन्द्रह हाथ के पर्दे हों, और उनके खम्भे तीन और खाने तीन हों।
  • 15 और दूसरी ओर भी पन्द्रह हाथ के पर्दे हों, उनके भी खम्भे तीन और खाने तीन हों।
  • 16 और आंगन के द्वार के लिये एक पर्दा बनवाना, जो नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े और बटी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े का कामदार बना हुआ बीस हाथ का हो, उसके खम्भे चार और खाने भी चार हों।
  • 17 आंगन की चारों ओर के सब खम्भे चांदी की पट्टियों से जुड़े हुए हों, उनके कुन्डे चांदी के और खाने पीतल के हों।
  • 18 आंगन की लम्बाई सौ हाथ की, और उसकी चौड़ाई बराबर पचास हाथ की और उसकी कनात की ऊंचाई पांच हाथ की हो, उसकी कनात बटी हुई सुक्ष्म सनी के कपड़े की बने, और खम्भों के खाने पीतल के हों।
  • 19 निवास के भांति भांति के बर्तन और सब सामान और उसके सब खूंटें और आंगन के भी सब खूंटे पीतल ही के हों॥
  • 20 फिर तू इस्त्राएलियों को आज्ञा देना, कि मेरे पास दीवट के लिये कूट के निकाला हुआ जलपाई का निर्मल तेल ले आना, जिस से दीपक नित्य जलता रहे।
  • 21 मिलाप के तम्बू में, उस बीच वाले पर्दे से बाहर जो साक्षीपत्र के आगे होगा, हारून और उसके पुत्र दीवट सांझ से भोर तक यहोवा के साम्हने सजा कर रखें। यह विधि इस्त्राएलियों की पीढिय़ों के लिये सदैव बनी रहेगी॥