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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


यहेजकेल अध्याय 7
  • 1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
  • 2 हे मनुष्य के सन्तान, प्रभु यहोवा इस्राएल की भूमि के विषय में यों कहता है, कि अन्त हुआ; चारों कोनों समेत देश का अन्त आ गया है।
  • 3 तेरा अन्त भी आ गया, और मैं अपना कोप तुझ पर भड़का कर तेरे चालचलन के अनुसार तुझे दण्ड दूंगा; और तेरे सारे घिनौने कामों का फल तुझे दूंगा।
  • 4 मेरी दयादृष्टि तुझ पर न होगी, और न मैं कोमलता करूंगा; और जब तक तेरे घिनौने पाप तुझ में बने रहेंगे तब तक मैं तेरे चालचलन का फल तुझे दूंगा। तब तू जान लेगा कि मैं यहोवा हूँ।
  • 5 प्रभु यहोवा यों कहता है, विपत्ति है, एक बड़ी विपत्ति है! देखो, वह आती है।
  • 6 अन्त आ गया है, सब का अन्त आया है; वह तेरे विरुद्ध जागा है। देखो, वह आता है।
  • 7 हे देश के निवासी, तेरे लिये चक्र घूम चुका, समय आ गया, दिन निकट है; पहाड़ों पर आनन्द के शब्द का दिन नहीं, हुल्लड़ ही का होगा।
  • 8 अब थोड़े दिनों में मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर भड़काऊंगा, और तुझ पर पूरा कोप उण्डेलूंगा और तेरे चालचलन के अनुसार तुझे दण्ड दूंगा। और तेरे सारे घिनौने कामों का फल तुझे भुगताऊंगा।
  • 9 मेरी दयादृष्टि तुझ पर न होगी और न मैं तुझ पर कोमलता करूंगा। मैं तेरी चालचलन का फल तुझे भुगताऊंगा, और तेरे घिनौने पाप तुझ में बने रहेंगे। तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा दण्ड देने वाला हूँ।
  • 10 देखो, उस दिन को देखो, वह आता है! चक्र घूम चुका, छड़ी फूल चुकी, अभिमान फूला है।
  • 11 उपद्रव बढ़ते बढ़ते दुष्टता का दण्ड बन गया; उन में से कोई न बचेगा, और न उनकी भीड़-भाड़, न उनके धन में से कुछ रहेगा; और न उन में से किसी के लिये विलाप सुन पड़ेगा।
  • 12 समय आ गया, दिन निकट आ गया है; न तो मोल लेने वाला आनन्द करे और न बेचने वाला शोक करे, क्योंकि उनकी सारी भीड़ पर कोप भड़क उठा है।
  • 13 चाहे वे जीवित रहें, तौभी बेचने वाला बेची हुई वस्तु के पास कभी लौटने न पाएगा; क्योंकि दर्शन की यह बात देश की सारी भीड़ पर घटेगी; कोई न लौटेगा; कोई भी मनुष्य, जो अधर्म में जीवित रहता है, बल न पकड़ सकेगा।
  • 14 उन्होंने नरसिंगा फूंका और सब कुछ तैयार कर दिया; परन्तु युद्ध में कोई नहीं जाता क्योंकि देश की सारी भीड़ पर मेरा कोप भड़का हुआ है।
  • 15 बाहर तलवार और भीतर महंगी और मरी हैं; जो मैदान में हो वह तलवार से मरेगा, और जो नगर में हो वह भूख और मरी से मारा जाएगा।
  • 16 और उन में से जो बच निकलेंगे वे बचेंगे तो सही परन्तु अपने अपने अधर्म में फंसे रहकर तराइयों में रहने वाले कबूतरों की नाईं पहाड़ों के ऊपर विलाप करते रहेंगे।
  • 17 सब के हाथ ढीले और सब के घुटने अति निर्बल हो जाएंगे।
  • 18 और वे कमर में टाट कसेंगे, और उनके रोए खड़े होंगे; सब के मुंह सूख जाएंगे और सब के सिर मूंड़े जाएंगे।
  • 19 वे अपनी चान्दी सड़कों में फेंक देंगे, और उनका सोना अशुद्ध वस्तु ठहरेगा; यहोवा की जलन के दिन उनका सोना चान्दी उन को बचा न सकेगी, न उस से उनका जी सन्तुष्ट होगा, न उनके पेट भरेंगे। क्योंकि वह उनके अधर्म के ठोकर का कारण हुआ है।
  • 20 उनका देश जो शोभायमान और शिरोमणि था, उसके विषय में उन्होंने गर्व ही गर्व कर के उस में अपनी घृणित वस्तुओं की मूरतें, और घृणित वस्तुएं बना रखीं, इस कारण मैं ने उसे उनके लिये अशुद्ध वस्तु ठहराया है।
  • 21 और मैं उसे लूटने के लिये परदेशियों के हाथ, और धन छीनने के लिये पृथ्वी के दुष्ट लोगों के वश में कर दूंगा; और वे उसे अपवित्र कर डालेंगे।
  • 22 मैं उन से मुंह फेर लूंगा, तब वे मेरे रक्षित स्थान को अपवित्र करेंगे; डाकू उस में घुस कर उसे अपवित्र करेंगे;
  • 23 एक सांकल बना दे, क्योंकि देश अन्याय की हत्या से, और नगर उपद्रव से भरा हुआ है।
  • 24 मैं अन्यजातियों के बुरे से बुरे लोगों को लाऊंगा, जो उनके घरों के स्वामी हो जाएंगे; और मैं सामर्थियों का गर्व तोड़ दूंगा और उनके पवित्र स्थान अपवित्र किए जाएंगे।
  • 25 सत्यानाश होने पर है तब ढूंढ़ने पर भी उन्हें शान्ति न मिलेगी।
  • 26 विपत्ति पर विपत्ति आएगी और उड़ती हुई चर्चा पर चर्चा सुनाई पड़ेगी; और लोग भविष्यद्वक्ता से दर्शन की बात पूछेंगे, परन्तु याजक के पास से व्यवस्था, और पुरनिये के पास से सम्मति देने की शक्ति जाती रहेगी।
  • 27 राजा तो शोक करेगा, और रईस उदासी रूपी वस्त्र पहिनेंगे, और देश के लोगों के हाथ ढीले पड़ेंगे। मैं उनके चलन के अनुसार उन से बर्ताव करूंगा, और उनकी कमाई के समान उन को दण्ड दूंगा; तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।