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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


Ezra - एज्राअध्याय 3
  • 1 जब सातवां महीना आया, और इस्राएली अपने अपने नगर में बस गए, तो लोग यरूशलेम में एक मन हो कर इकट्ठे हुए।
  • 2 तब योसादाक के पुत्र येशू ने अपने भाई याजकों समेत और शालतीएल के पुत्र जरूब्बाबेल ने अपने भाइयों समेत कमर बान्ध कर इस्राएल के परमेश्वर की वेदी को बनाया कि उस पर होमबलि चढ़ाएं, जैसे कि परमेश्वर के भक्त मूसा की व्यवस्था में लिखा है।
  • 3 तब उन्होंने वेदी को उसके स्थान पर खड़ा किया क्योंकि उन्हें उस ओर के देशों के लोगों का भय रहा, और वे उस पर यहोवा के लिये होमबलि अर्थात प्रतिदिन सबेरे और सांझ के होमबलि चढ़ाने लगे।
  • 4 और उन्होंने झोंपडिय़ों के पर्व को माना, जैसे कि लिखा है, और प्रतिदिन के होमबलि एक एक दिन की गिनती और नियम के अनुसार चढ़ाए।
  • 5 और उसके बाद नित्य होमबलि और नये नये चान्द और यहोवा के पवित्र किए हुए सब नियत पर्वों के बलि और अपनी अपनी इच्छा से यहोवा के लिये सब स्वेच्छाबलि हर एक के लिये बलि चढ़ाए।
  • 6 सातवें महीने के पहिले दिन से वे यहोवा को होमबलि चढ़ाने लगे। परन्तु यहोवा के मन्दिर की नेव तब तक न डाली गई थी।
  • 7 तब उन्होंने पत्थर गढ़ने वालों और कारीगरों को रुपया, और सीदोनी और सोरी लोगों को खाने-पीने की वस्तुएं और तेल दिया, कि वे फारस के राजा कुस्रू के पत्र के अनुसार देवदार की लकड़ी लबानोन से जापा के पास के समुद्र में पहुंचाएं।
  • 8 उनके परमेश्वर के भवन में, जो यरूशलेम में है, आने के दूसरे वर्ष के दूसरे महीने में, शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल ने और योसादाक के पुत्र येशू ने और उनके और भाइयों ने जो याजक और लेवीय थे, और जितने बन्धुआई से यरूशलेम में आए थे उन्होंने भी काम को आरम्भ किया, और बीस वर्ष अथवा उस से अधिक अवस्था के लेवियों को यहोवा के भवन का काम चलाने के लिये नियुक्त किया।
  • 9 तो येशू और उसके बेटे और भाई और कदमीएल और उसके बेटे, जो यहूदा की सन्तान थे, और हेनादाद की सन्तान और उनके बेटे परमेश्वर के भवन में कारीगरों का काम चलाने को खड़े हुए।
  • 10 और जब राजों ने यहोवा के मन्दिर की नेव डाली तब अपने वस्त्र पहिने हुए, और तुरहियां लिये हुए याजक, और झांझ लिये हुए आसाप के वंश के लेवीय इसलिये नियुक्त किए गए कि इस्राएलियों के राजा दाऊद की चलाई हुई रीति के अनुसार यहोवा की स्तुति करें।
  • 11 सो वे यह गा गाकर यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, कि वह भला है, और उसकी करुणा इस्राएल पर सदैव बनी है। और जब वे यहोवा की स्तुति करने लगे तब सब लोगों ने यह जान कर कि यहोवा के भवन की नेव अब पड़ रही है, ऊंचे शब्द से जयजयकार किया।
  • 12 परन्तु बहुतेरे याजक और लेवीय और पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष, अर्थात वे बूढ़े जिन्होंने पहिला भवन देखा था, जब इस भवन की नेव उनकी आंखों के साम्हने पड़ी तब फूट फूटकर रोने लगे, और बहुतेरे आनन्द के मारे ऊंचे शब्द से जयजयकार कर रहे थे।
  • 13 इसलिये लोग, आनन्द के जयजयकार का शब्द, लोगों के रोने के शब्द से अलग पहिचान न सके, क्योंकि लोग ऊंचे शब्द से जयजयकार कर रहे थे, और वह शब्द दूर तक सुनाई देता था।