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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


यशायाहअध्याय 2
  • 1 आमोस के पुत्र यशायाह का वचन, जो उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में दर्शन में पाया॥
  • 2 अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें।
  • 3 और बहुत देशों के लोग आएंगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।
  • 4 वह जाति जाति का न्याय करेगा, और देश देश के लोगों के झगड़ों को मिटाएगा; और वे अपनी तलवारें पीट कर हल के फाल और अपने भालों को हंसिया बनाएंगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध फिर तलवार न चलाएगी, न लोग भविष्य में युद्ध की विद्या सीखेंगे॥
  • 5 हे याकूब के घराने, आ, हम यहोवा के प्रकाश में चलें॥
  • 6 तू ने अपनी प्रजा याकूब के घराने को त्याग दिया है, क्योंकि वे पूविर्यों के व्यवहार पर तन मन से चलते और पलिश्तियों की नाईं टोना करते हैं, और परदेशियों के साथ हाथ मिलाते हैं।
  • 7 उनका देश चान्दी और सोने से भरपूर है, और उनके रखे हुए धन की सीमा नहीं; उनका देश घोड़ों से भरपूर है, और उनके रथ अनगिनित हैं।
  • 8 उनका देश मूरतों से भरा है; वे अपने हाथों की बनाईं हुई वस्तुओं को जिन्हें उन्हों ने अपनी उंगलियों से संवारा है, दण्डवत करते हैं।
  • 9 इस से मनुष्य झुकते, और बड़े मनुष्य प्रणाम करते हैं, इस कारण उन को क्षमा न कर!
  • 10 यहोवा के भय के कारण और उसके प्रताप के मारे चट्टान में घुस जा, और मिट्टी में छिप जा।
  • 11 क्योंकि आदमियों की घमण्ड भरी आंखें नीची की जाएंगी और मनुष्यों का घमण्ड दूर किया जाएगा; और उस दिन केवल यहोवा ही ऊंचे पर विराजमान रहेगा॥
  • 12 क्योंकि सेनाओं के यहोवा का दिन सब घमण्डियों और ऊंची गर्दन वालों पर और उन्नति से फूलने वालों पर आएगा; और वे झुकाए जाएंगे;
  • 13 और लबानोन के सब देवदारों पर जो ऊंचे और बड़ें हैं;
  • 14 बासान के सब बांजवृक्षों पर; और सब ऊंचे पहाड़ों और सब ऊंची पहाडिय़ों पर ;
  • 15 सब ऊंचे गुम्मटों और सब दृढ़ शहरपनाहों पर ;
  • 16 तर्शीश के सब जहाजों और सब सुन्दर चित्रकारी पर वह दिन आता है।
  • 17 और मनुष्य का गर्व मिटाया जाएगा, और मनुष्यों का घमण्ड नीचा किया जाएगा; और उस दिन केवल यहोवा ही ऊंचे पर विराजमान रहेगा।
  • 18 और मूरतें सब की सब नष्ट हो जाएंगी।
  • 19 और जब यहोवा पृथ्वी के कम्पित करने के लिये उठेगा, तब उसके भय के कारण और उसके प्रताप के मारे लोग चट्टानों की गुफाओं और भूमि के बिलों में जा घुसेंगे॥
  • 20 उस दिन लोग अपनी चान्दी-सोने की मूरतों को जिन्हें उन्होंने दण्डवत करने के लिये बनाया था, छछून्दरों और चमगीदड़ों के आगे फेंकेंगे,
  • 21 और जब यहोवा पृथ्वी को कम्पित करने के लिये उठेगा तब वे उसके भय के कारण और उसके प्रताप के मारे चट्टानों की दरारों ओर पहाडिय़ों के छेदों में घुसेंगे।
  • 22 सो तुम मनुष्य से परे रहो जिसकी श्वास उसके नथनों में है, क्योंकि उसका मूल्य है ही क्या?