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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


यशायाहअध्याय 38
  • 1 उन दिनों में हिजकिय्याह ऐसा रोगी हुआ कि वह मरने पर था। और आमोस के पुत्र यशायाह नबी ने उसके पास जा कर कहा, यहोवा यों कहता है, अपने घराने के विषय जो आज्ञा देनी हो वह दे, क्योंकि तू न बचेगा मर ही जाएगा।
  • 2 तब हिजकिय्याह ने भीत की ओर मुंह फेर कर यहोवा से प्रार्थना कर के कहा;
  • 3 हे यहोवा, मैं बिनती करता हूं, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूं और जो तेरी दृष्टि में उचित था वही करता आया हूं। और हिजकिय्याह बिलक बिलककर रोने लगा।
  • 4 तब यहोवा का यह वचन यशायाह के पास पहुंचा,
  • 5 जा कर हिजकिय्याह से कह कि तेरे मूलपुरूष दाऊद का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और तेरे आंसू देखे हैं; सुन, मैं तेरी आयु पन्द्रह वर्ष और बढ़ा दूंगा।
  • 6 अश्शूर के राजा के हाथ से मैं तेरी और इस नगर की रक्षा कर के बचाऊंगा॥
  • 7 यहोवा अपने इस कहे हुए वचन को पूरा करेगा,
  • 8 और यहोवा की ओर से इस बात का तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि धूप की छाया जो आहाज की धूपघड़ी में ढल गई है, मैं दस अंश पीछे की ओर लौटा दूंगा। सो वह छाया जो दस अंश ढल चुकी थी लौट गई॥
  • 9 यहूदा के राजा हिजकिय्याह का लेख जो उसने लिखा जब वह रोगी हो कर चंगा हो गया था, वह यह है:
  • 10 मैं ने कहा, अपनी आयु के बीच ही मैं अधोलोक के फाटकों में प्रवेश करूंगा; क्योंकि मेरी शेष आयु हर ली गई है।
  • 11 मैं ने कहा, मैं याह को जीवितों की भूमि में फिर न देखने पाऊंगा; इस लोक के निवासियों मैं फिर न देखूंगा।
  • 12 मेरा घर चरवाहे के तम्बू की नाईं उठा लिया गया है; मैं ने जोलाहे की नाईं अपने जीवन को लपेट दिया है; वह मुझे तांत से काट लेगा; एक ही दिन में तू मेरा अन्त कर डालेगा।
  • 13 मैं भोर तक अपने मन को शान्त करता रहा; वह सिंह की नाईं मेरी सब हड्डियों को तोड़ता है; एक ही दिन में तू मेरा अन्त कर डालता है।
  • 14 मैं सूपाबेने वा सारस की नाईं च्यूं च्यूं करता, मैं पिण्डुक की नाईं विलाप करता हूं। मेरी आंखें ऊपर देखते देखते पत्थरा गई हैं। हे यहोवा, मुझ पर अन्धेर हो रहा है; तू मेरा सहारा हो!
  • 15 मैं क्या कहूं? उसी ने मुझ से प्रतिज्ञा की और पूरा भी किया है। मैं जीवन भर कडुआहट के साथ धीरे धीरे चलता रहूंगा॥
  • 16 हे प्रभु, इन्हीं बातों से लोग जीवित हैं, और इन सभों से मेरी आत्मा को जीवन मिलता है। तू मुझे चंगा कर और मुझे जीवित रख!
  • 17 देख, शान्ति ही के लिये मुझे बड़ी कडुआहट मिली; परन्तु तू ने स्नेह कर के मुझे विनाश के गड़हे से निकाला है, क्योंकि मेरे सब पापों को तू ने अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।
  • 18 क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कबर में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते
  • 19 जीवित, हाँ जीवित ही तेरा धन्यवाद करता है, जैसा मैं आज कर रहा हूं; पिता तेरी सच्चाई का समाचार पुत्रों को देता है॥
  • 20 यहोवा मेरा उद्धार करेगा, इसलिये हम जीवन भर यहोवा के भवन में तार वाले बाजों पर अपने रचे हुए गीत गातें रहेंगे॥
  • 21 यशायाह ने कहा था, अंजीरों की एक टिकिया बना कर हिजकिय्याह के फोड़े पर बान्धी जाए, तब वह बचेगा।
  • 22 और हिजकिय्याह ने पूछा था कि इसका क्या चिन्ह है कि मैं यहोवा के भवन को फिर जाने पाऊंगा?