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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


यिर्मयाह अध्याय 16
  • 1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
  • 2 इस स्थान में विवाह कर के बेटे-बेटियां मत जन्मा।
  • 3 क्योंकि जो बेटे-बेटियां इस स्थान में उत्पन्न हों और जो माताएं उन्हें जनें और जो पिता उन्हें इस देश में जन्माएं,
  • 4 उनके विषय यहोवा यों कहता है, वे बुरी बुरी बीमारियों से मरेंगे। उनके लिये कोई छाती न पीटेगा, न उन को मिट्टी देगा; वे भूमि के ऊपर खाद की नाईं पड़े रहेंगे। वे तलवार और महंगी से मर मिटेंगे, और उनकी लोथें आकाश के पक्षियों और मैदान के पशुओं का आहार होंगी।
  • 5 यहोवा ने कहा, जिस घर में रोना पीटना हो उस में न जाना, न छाती पीटने के लिये कहीं जाना और न इन लोगों के लिये शोक करना; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है कि मैं ने अपनी शान्ति और करुणा और दया इन लोगों पर से उठा ली है।
  • 6 इस कारण इस देश के छोटे-बड़े सब मरेंगे, न तो इन को मिट्टी दी जाएगी, न लोग छाती पीटेंगे, न अपना शरीर चीरेंगे, और न सिर मुंड़ाएंगे। इनके लिये कोई शोक करने वालों को रोटी न बाटेंगे कि शोक में उन्हें शान्ति दें;
  • 7 और न लोग पिता वा माता के मरने पर किसी को शान्ति के लिये कटोरे में दाखमधु पिलाएंगे।
  • 8 तू जेवनार के घर में इनके साथ खाने-पीने के लिये न जाना।
  • 9 क्योंकि सेनाओं का यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है, देख, तुम लोगों के देखते और तुम्हारे ही दिनों में मैं ऐसा करूंगा कि इस स्थान में न तो हर्ष और न आनन्द का शब्द सुनाईं पड़ेगा, न दुल्हे और न दुल्हिन का शब्द।
  • 10 और जब तू इन लोगों से ये सब बातें कहे, और वे तुझ से पूछें कि यहोवा ने हमारे ऊपर यह सारी बड़ी विपत्ति डालने के लिये क्यों कहा है? हमारा अधर्म क्या है और हम ने अपने परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध कौन सा पाप किया है?
  • 11 तो तू इन लोगों से कहना, यहोवा की यह वाणी है, क्योंकि तुम्हारे पुरखा मुझे त्यागकर दूसरे देवताओं के पीछे चले, और उनकी उपासना कर के उन को दण्डवत की, और मुझ को त्याग दिया और मेरी व्यवस्था का पालन नहीं किया,
  • 12 ओर जितनी बुराई तुम्हारे पुरखाओं ने की थी, उस से भी अधिक तुम करते हो, क्योंकि तुम अपने बुरे मन के हठ पर चलते हो और मेरी नहीं सुनते;
  • 13 इस कारण मैं तुम को इस देश से उखाड़ कर ऐसे देश में फेंक दूंगा, जिस को न तो तुम जानते हो और न तुम्हारे पुरखा जानते थे; और वहां तुम रात-दिन दूसरे देवताओं की उपासना करते रहोगे, क्योंकि वहां मैं तुम पर कुछ अनुग्रह न करूंगा।
  • 14 फिर यहोवा की यह वाणी हुई, देखो, ऐसे दिन आने वाले हैं जिन में फिर यह न कहा जाएगा कि यहोवा जो इस्राएलियों को मिस्र देश से छुड़ा ले आया उसके जीवन की सौगन्ध,
  • 15 वरन यह कहा जाएगा कि यहोवा जो इस्राएलियों को उत्तर के देश से और उन सब देशों से जहां उसने उन को बरबस कर दिया था छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध। क्योंकि मैं उन को उनके निज देश में जो मैं ने उनके पूर्वजों को दिया था, लौटा ले आऊंगा।
  • 16 देखो, यहोवा की यह वाणी है कि मैं बहुत से मछुओं को बुलवा भेजूंगा कि वे इन लोगों को पकड़ लें, और, फिर मैं बहुत से बहेलियों को बुलवा भेजूंगा कि वे इन को अहेर कर के सब पहाड़ों और पहाडिय़ों पर से और चट्टानों की दरारों में से निकालें।
  • 17 क्योंकि उनका पूरा चाल-चलन मेरी आंखों के साम्हने प्रगट है; वह मेरी दृष्टि से छिपा नहीं है, न उनका अधर्म मेरी आखों से गुप्त है। सो मैं उनके अधर्म और पाप का दूना दण्ड दूंगा,
  • 18 क्योंकि उन्होंने मेरे देश को अपनी घृणित वस्तुओं की लोथों से अशुद्ध किया, और मेरे निज भाग को अपनी अशुद्धता से भर दिया है।
  • 19 हे यहोवा, हे मेरे बल और दृढ़ गढ़, संकट के समय मेरे शरणस्थान, जातिजाति के लोग पृथ्वी की चहुं ओर से तेरे पास आकर कहेंगे, निश्चय हमारे पुरखा झूठी, व्यर्थ और निष्फल वस्तुओं को अपनाते आए हैं।
  • 20 क्या मनुष्य ईश्वरों को बनाए? नहीं, वे ईश्वर नहीं हो सकते!
  • 21 इस कारण, एक इस बार, मैं इन लोगों को अपना भुजबल और पराक्रम दिखाऊंगा, और वे जानेंगे कि मेरा नाम यहोवा है।