- 1 हे मेरे परमेश्वर, मुझ को शत्रुओं से बचा, मुझे ऊंचे स्थान पर रखकर मेरे विरोधियों से बचा,
- 2 मुझ को बुराई करने वालों के हाथ से बचा, और हत्यारों से मेरा उद्धार कर॥
- 3 क्योंकि देख, वे मेरी घात में लगे हैं; हे यहोवा, मेरा कोई दोष वा पाप नहीं है, तौभी बलवन्त लोग मेरे विरुद्ध इकट्ठे होते हैं।
- 4 वह मुझ निर्दोष पर दौड़ें, दौड़कर लड़ने को तैयार हो जाते हैं॥ मुझ से मिलने के लिये जाग उठ, और यह देख!
- 5 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर सब अन्यजाति वालों को दण्ड देने के लिये जाग; किसी विश्वासघाती अत्याचारी पर अनुग्रह न कर॥
- 6 वे लोग सांझ को लौटकर कुत्ते की नाईं गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं। देख वे डकारते हैं,
- 7 उनके मुंह के भीतर तलवारें हैं, क्योंकि वे कहते हैं, कौन सुनता है?
- 8 परन्तु हे यहोवा, तू उन पर हंसेगा; तू सब अन्य जातियों को ठट्ठों में उड़ाएगा।
- 9 हे मेरे बल, मुझे तेरी ही आस होगी; क्योंकि परमेश्वर मेरा ऊंचा गढ़ है॥
- 10 परमेश्वर करूणा करता हुआ मुझ से मिलेगा; परमेश्वर मेरे द्रोहियों के विषय मेरी इच्छा पूरी कर देगा॥
- 11 उन्हें घात न कर, न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए; हे प्रभु, हे हमारी ढाल! अपनी शक्ति से उन्हें तितर बितर कर, उन्हें दबा दे।
- 12 वह अपने मुंह के पाप, और ओठों के वचन, और शाप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फंसे हुए पकड़े जाएं।
- 13 जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएं तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है॥
- 14 वे सांझ को लौटकर कुत्ते की नाईं गुर्राएं, और नगर के चारों ओर घूमें।
- 15 वे टुकड़े के लिये मारे मारे फिरें, और तृप्त न होने पर रात भर वहीं ठहरे रहें॥
- 16 परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है।
- 17 हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊंगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा करूणामय परमेश्वर है॥
Psalms 059
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- Parent Category: Old Testament
- Category: Psalms
भजन संहिता अध्याय 59