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But the Comforter, which is the Holy Ghost, whom the Father will send in my name, he shall teach you all things,
and bring all things to your remembrance, whatsoever I have said unto you. John 14:26


जकर्याहअध्याय 8
  • 1 फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
  • 2 सेनाओं का यहोवा यों कहता है: सिय्योन के लिये मुझे बड़ी जलन हुई वरन बहुत ही जलजलाहट मुझ में उत्पन्न हुई है।
  • 3 यहोवा यों कहता है, मैं सिय्योन में लौट आया हूं, और यरूशेलम के बीच में वास किए रहूंगा, और यरूशलेम की सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा।
  • 4 सेनाओं का यहोवा यों कहता है, यरूशलेम के चौकों में फिर बूढ़े और बूढिय़ां बहुत आयु की होने के कारण, अपने अपने हाथ में लाठी लिए हुए बैठा करेंगी।
  • 5 और नगर में चौक खेलने वाले लड़कों और लड़कियों से भरे रहेंगे।
  • 6 सेनाओं का यहोवा यों कहता है, चाहे उन दिनों में यह बात इन बचे हुओं की दृष्टि में अनोखी ठहरे, परन्तु क्या मेरी दृष्टि में भी यह अनोखी ठहरेगी, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है?
  • 7 सेनाओं का यहोवा यों कहता है, देखो, मैं अपनी प्रजा का उद्धार कर के उसे पूरब से और पच्छिम से ले आऊंगा;
  • 8 और मैं उन्हें ले आकर यरूशलेम के बीच में बसाऊंगा; और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा, यह तो सच्चाई और धर्म के साथ होगा॥
  • 9 सेनाओं का यहोवा यों कहता है, तुम इन दिनों में ये वचन उन भविष्यद्वक्ताओं के मुख से सुनते हो जो सेनाओं के यहोवा के भवन की नेव डालने के समय अर्थात मन्दिर के बनने के समय में थे।
  • 10 उन दिनों के पहिले, न तो मनुष्य की मजदूरी मिलती थी और न पशु का भाड़ा, वरन सताने वालों के कारण न तो आने वाले को चैन मिलता था और न जाने वाले को ; क्योंकि मैं सब मनुष्यों से एक दूसरे पर चढ़ाई कराता था।
  • 11 परन्तु अब मैं इस प्रजा के बचे हुओं से ऐसा बर्ताव न करूंगा जैसा कि अगले दिनों में करता था, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
  • 12 क्योंकि अब शान्ति के समय की उपज अर्थात दाखलता फला करेंगी, पृथ्वी अपनी उपज उपजाया करेगी, और आकाश से ओस गिरा करेगी; क्योंकि मैं अपनी इस प्रजा के बचे हुओं को इन सब का अधिकारी कर दूंगा।
  • 13 और हे यहूदा के घराने, और इस्राएल के घराने, जिस प्रकार तुम अन्यजातियों के बीच शाप के कारण थे उसी प्रकार मैं तुम्हारा उद्धार करूंगा, और तुम आशीष के कारण होगे। इसलिये तुम मत डरो, और न तुम्हारे हाथ ढीले पड़ने पाएं॥
  • 14 क्योंकि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, जिस प्रकार जब तुम्हारे पुरखा मुझे रिस दिलाते थे, तब मैं ने उनकी हानि करने के लिये ठान लिया था और फिर न पछताया,
  • 15 उसी प्रकार मैं ने इन दिनों में यरूशलेम की और यहूदा के घराने की भलाई करने को ठाना है; इसलिये तुम मत डरो।
  • 16 जो जो काम तुम्हें करना चाहिये, वे ये हैं : एक दूसरे के साथ सत्य बोला करना, अपनी कचहरियों में सच्चाई का और मेल-मिलाप की नीति का न्याय करना,
  • 17 और अपने अपने मन में एक दूसरे की हानि की कल्पना न करना, और झूठी शपथ से प्रीति न रखना, क्योंकि इन सब कामों से मैं घृणा करता हूं, यहोवा की यही वाणी है॥
  • 18 फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
  • 19 सेनाओं का यहोवा यों कहता है: चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने में जो जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएगें; इसलिये अब तुम सच्चाई और मेल-मिलाप से प्रीति रखो॥
  • 20 सेनाओं का यहोवा यों कहता है, ऐसा समय आने वाला है कि देश देश के लोग और बहुत नगरों के रहने वाले आएंगे।
  • 21 और एक नगर के रहने वाले दूसरे नगर के रहने वालों के पास जा कर कहेंगे, यहोवा से बिनती करने और सेनाओं के यहोवा को ढूंढ़ने के लिये चलो; मैं भी चलूंगा।
  • 22 बहुत से देशों के वरन सामर्थी जातियों के लोग यरूशलेम में सेनाओं के यहोवा को ढूंढ़ने और यहोवा से बिनती करने के लिये आएंगे।
  • 23 सेनाओं का यहोवा यों कहता है : उस दिनों में भांति भांति की भाषा बोलने वाली सब जातियों में से दस मनुष्य, एक यहूदी पुरूष के वस्त्र की छोर को यह कहकर पकड़ लेंगे, कि, हम तुम्हारे संग चलेंगे, क्योंकि हम ने सुना है कि परमेश्वर तुम्हारे साथ है॥